देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फार्मास्यिुटिकल सांइसेज के द्वारा चैथे नेशनल फार्माकोविजिलैन्स सप्ताह का आयोजन किया गया। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के आर्शीवाद व प्रेरणा से आयोजित इस नेशनल फार्माकोविजिलैन्स सप्ताह में तीन दिनों तक विभिन्न कार्यक्रम आयेाजित किए गए। प्रथम दिवस में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। स्कूल ऑफ फार्मास्यिुटिकल सांइसेज द्वारा इंडियन फार्मोकोपियल कमीशन – फार्माकोविजिलैन्स प्रोग्राम ऑफ इंडिया के तत्वाधान एवं श्री मंहत इन्दिरेश अस्पताल ब्लड बैंक के सहयोग से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 105 यूनिट रक्तदान हुआ।
दूसरे दिन श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केन्द्र मोथरोवाला में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित हुआ। कार्यक्रम के तीसरे व अंतिम दिन दवाओं के ड्रग रिएक्शन से सम्बन्धित महत्वपूर्णं बिन्दुओं पर विशेषज्ञों ने जानकारियां सांझा कीं। डॉ. कनिष्क काला ने इस विषय पर एक व्याख्यान दिया। छात्र-छात्राओं ने स्किट के माध्यम से ड्रग रिएक्शन के दुष्प्रभावों में समझाया। उन्होंने बिना चिकित्सक की सलाह के स्वंय दवाओं के सेवन के खतरों के प्रति जागरूक किया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. यशबीर दीवान एवं कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खण्डूड़ी ने फार्माकोविजिलैन्स सप्ताह के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए फेकल्टी व पूरी टीम को बधाई दी। कार्यक्रमों को सफल बनाने में डॉ. दिव्या जुयाल का विशेष सहयोग रहा।
एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज में वाकथाॅन और पोस्टर के माध्यम से दिया संदेश
नेशनल फार्माकोविजिलैन्स सप्ताह के अवसर पर एसजीआरआर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ के फार्माकोलाॅजी विभाग की ओर से वाकथाॅन और पोस्टर प्रतियोगिता का आयेाजन किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में ऋषिता रमोला एण्ड ग्रुप अव्वल रहे। एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक नायक व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उत्कर्ष शर्मा ने हरी झण्डी दिखाकर रैली को रवाना किया। मेडिकल छात्र-छात्राओं ने मेडिकल काॅलेज परिसर के फार्माकोलाॅजी विभाग से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल तक रैली निकालकर जनजागरूकता का संदेश दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में फार्माकोलाॅजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुमन बाला, डॉ. हेनरी जेम्स, डॉ. शालू बावा, डॉ. कविता, डॉ. छवि, डॉ. श्रुति, डॉ. सचिन, डॉ. बिग्नेश, डॉ. अर्चना, राजीव वसी आदि का विशेष सहयोग रहा।