- ग्राउंड जीरो पर जेसीबी मशीन द्वारा किया जा रहा है मलबे को हटाने का कार्य
- छेनागाड़ तक सड़क मार्ग सुचारु करने हेतु प्रशासन द्वारा जेसीबी एवं पोकलैंड मशीनें निरंतर कार्यरत
रुद्रप्रयाग : आपदा प्रभावित क्षेत्र छेनागाड़ में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस एवं अन्य बचाव दलों द्वारा लगातार सर्च एवं रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है। विषम परिस्थितियों एवं दुर्गम भूभाग में राहत बचाव दल लगातार डटे हुए हैं। रेस्क्यू टीमों को मलवा एवं दलदल होने के कारण मैन्युअल डीगिंग कार्य में काफी कठिनाई आ रही थी। एसडीआरएफ और डीआरएफ द्वारा लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद बाधाएँ उत्पन्न हो रही थीं। इन परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा अब ग्राउंड जीरो पर जेसीबी मशीन को तैनात किया गया है। मशीन की मदद से सर्च अभियान में गति आई है।
क्षेत्र में सड़क कनेक्टिविटी बहाल करने का कार्य जारी
छेनागाड़ तक सड़क मार्ग सुचारु करने हेतु प्रशासन द्वारा जेसीबी एवं पोकलैंड मशीनें निरंतर कार्यरत हैं। सड़क मार्ग खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है ताकि राहत एवं बचाव कार्यों हेतु अन्य जेसीबी सहित अन्य मशीनों की पहुँच प्रभावित क्षेत्रों तक आसान हो सके।
मुख्य स्लाइड जोन जाला सहित अन्य स्थलों पर मशीनें सक्रिय
जिला प्रशासन के निर्देशन में जाला के पास एक पोकलैंड व दो जेसीबी मशीनें कार्यरत हैं, वहीं कमद के पास एक पोकलैंड व दो जेसीबी मशीनें, डमारगाढ़ से किमाणा के बीच तीन जेसीबी मशीनें लगातार क्षतिग्रस्त मार्गों को सुचारु करने हेतु कार्यरत हैं।
युद्ध स्तर पर चल रहा है बचाव व राहत कार्य
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस सहित अन्य बचाव दलों एवं जिला प्रशासन की समन्वित कार्यशैली से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत, बचाव व सड़क सुचारु करने के कार्य निरंतर जारी हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि “छेनागाड़ क्षेत्र में लगातार खोज बचाव एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। हमारी पहली प्राथमिकता सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करना है। जिस हेतु आज प्रभावित क्षेत्र में जेसीबी को तैनात किया गया, साथ ही सड़क मार्गों को सुचारु करने का प्रयास संबंधित विभाग द्वारा किया जा रहा है ताकि राहत सामग्री, मशीनरी और रेस्क्यू टीमें प्रभावित गाँवों तक शीघ्र पहुँच सकें। प्रशासन का पूरा प्रयास है कि जितने भी लोग इस क्षेत्र में गुमशुदा हैं उनका शीघ्र पता लगा पाए तथा अधिकतम जल्द से जल्द प्रभावित परिवारों को सहायता उपलब्ध कराई जाए।