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बीकेटीसी द्वारा आयोजित श्री बदरीनाथ धाम में मातामूर्ति उत्सव का समारोहपूर्वक हुआ समापन

by anumannews
 
श्री बदरीनाथ धाम :  श्री बदरीनाथ धाम में मातामूर्ति उत्सव मंगलवार को उल्लापूर्वक आयोजित हुआ। इस दौरान हजारों लोगों ने मातामूर्ति मंदिर में दर्शन किये। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति  ( बीकेटीसी) अध्यक्ष  अजेंद्र अजय ने अपने संदेश में मातामूर्ति मेले के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने भी बामन द्वादशी मातामूर्ति  मेले की बधाई दी है। धार्मिक  परंपरानुसार   आज मंगलवार को प्रात: 10 बजे से श्री बदरीनाथ मंदिर प्रांगण  में मातामूर्ति प्रस्थान की तैयारी शुरू हुई। प्रात: अभिषेक पूजा तथा बाल भोग के पश्चात पूर्वाह्न ग्यारह बजे समारोह पूर्वक सेना के बेंड की भक्तिमय धुनों तथा जय उदघोष के साथ भगवान बदरीविशाल स्वरूप श्री उद्धव जी ने देव डोली में बैठ कर मातामूर्ति को प्रस्थान किया।साथ ही बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी तथा बीकेटीसी पदाधिकारियों, धर्माधिकारी, वेदपाठी, सहित अधिकारी- कर्मचारी तथा तीर्थयात्रियों ने मातामूर्ति को प्रस्थान किया। 
 इस तरह समारोह पूर्वक  भगवान के सखा प्रतिनिधि उद्धव जी ने श्री बदरीनाथ भगवान की माता मूर्ति देवी को मिलने हेतु  पहुंचे तथा मातामूर्ति पहुंच कर तपस्यारत बदरीनाथ भगवान की कुशल क्षेम  माता मूर्ति को बतायी। भाद्रपद बामन द्वादशी के अवसर पर आयोजित माता मूर्ति उत्सव से पहले बीते सोमवार शाम  को माणा गांव से भगवान बदरीविशाल के क्षेत्रपाल रक्षक श्री घंटाकर्ण जी महाराज  ने बदरीनाथ मंदिर पहुंचकर श्री बदरीनाथ भगवान को मातामूर्ति आने का न्यौता दिया था। श्री उद्धव जी की डोली सहित रावल, धर्माधिकारी- वेदपाठी  तथा मंदिर समिति के पदाधिकारी, अधिकारी- कर्मचारी, तीर्थ पुरोहित, व्यापार सभा, दस्तूरधारी साधु संत सहित पुलिस प्रशासन, आईटीबीपी के प्रतिनिधि पूर्वाह्न 11.45 बजे माता मूर्ति पहुंचे। रास्ते में पर्यटक ग्राम माणा की महिला मंडल ने उद्धव जी को जौ की हरियाली भेंट की तथा मंगलगान गाया। इस दौरान संपूर्ण मातामूर्ति क्षेत्र जय  मातामूर्ति जी – जय बदरीविशाल- जय घंटाकर्ण महाराज के जय घोष से गूंज उठा।
इसके बाद मातामूर्ति  पहुंचते ही श्री उद्धव जी मातामूर्ति जी को मिलें तथा कुशलक्षेम बतायी इसके साथ ही रावल द्वारा अभिषेक, धर्माधिकारी- वेदपाठियों तथा माता मूर्ति मंदिर के पुजारी द्वारा पूजा- अर्चना की गयी। यज्ञ- हवन के साथ मातामूर्ति देवी तथा श्री उद्धव जी का दुग्धाभिषेक किया गया तथा जौ की हरियाली श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप दी गयी। अभिषेक,पूजा-अर्चना के बाद   दिन का भोग मातामूर्ति मंदिर लगाया गया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने मातामूर्ति एवं श्री उद्धव जी के दर्शन किये। मेले के दौरान प्रात: दस बजे से शायंकाल तीन बजे  तक श्री बदरीनाथ मंदिर बंद रहा। अपराह्न  ठीक तीन बजे  उद्धव जी की डोली में बैठकर  समारोह के साथ श्री बदरीनाथ धाम को वापस आ गये।  मंदिर पहुंचकर   बदरीनाथ  मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो गये।इसी के साथ मातामूर्ति मेले का समापन हो गया।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि मातामूर्ति मेले के दौरान दिन में बदरीनाथ मंदिर बंद रहने के बाद पुनः शाम तीन बजे से मंदिर में दर्शन तथा पूजायें शुरू हो गयी। वहीं शायंकाल को बामणी गांव से कुबेर जी के पश्वा  ( अवतारी  पुरुष)  बदरीनाथ मंदिर पहुंचे  तथा कटार पर बैठकर स्नान की धार्मिक रस्म संपन्न होगी । मातामूर्ति मेले के अवसर पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य आशुतोष डिमरी एवं भास्कर डिमरी, पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, विनोद डिमरी, ग्राम पंचायत माणा के प्रधान पीतांबर मोल्फा धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी अधिकारी गिरीश देवली, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, वेदपाठी रविन्द्र प्रसाद भट्ट, पुजारी सुशील डिमरी, थानाध्यक्ष केसी भट्ट,  थपलियाल, राजेंद्र सेमवाल, केदार रावत, अजय सती अनुसुइया नौटियाल, अजीत भंडारी, विकास सनवाल सहित तीर्थपुरोहित, पुलिस आईटीबीपी, सेना, ग्रेफ व्यापार सभा प्रतिनिधि, साधु- संत, माणा, बामणी, पांडुकेश्वर- जोशीमठ   के श्रद्धालुजन,तीर्थयात्री  मंदिर समिति के सभी अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। इस अवसर पर  भारतीय सेना आईटीबीपी  द्वारा माता मूर्ति में भंडारे आयोजित हुए तथा देर शाम तक दुकाने भी सजी रही।
शाम को बदरीनाथ धाम में नगर पंचायत की ओर से  दो दिवसीय बदरीश पंचायत महोत्सव शुरू हो गया है महोत्सव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा भजन संध्या का आयोजन हो रहा है। प्राप्त जानकारी में बताया गया कि मंदिर समिति द्वारा स्थानीय लोगों के सहयोग से त्रियुगीनारायण मंदिर ( रूद्रप्रयाग) में बामन द्वादशी का उत्सव धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर हरियाली मेले का भी आयोजन हुआ‌ तथा निसंतान दंपत्तियों ने संतान की कामना हेतु रात्रि जागरण कर भगवान त्रियुगीनारायण से प्रार्थना की।