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चमोली : वन विभाग ने फायर एप्प का दिया एक दिवसीय प्रशिक्षण

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गोपेश्वर (चमोली)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में शनिवार को वन विभाग की ओर से चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के पुलिस मैदान में वन पंचायत सरपंच, महिला मंगल दल, अग्नि रक्षक दल को फायर लाइन सफाई, वनाग्नि नियंत्रण आदि का प्रशिक्षण और फोरेस्ट फायर एप्प के संबंध में जानकारी दी गयी। साथ ही लीफ ब्लोअर, फायर वीटर और फायर रैक आदि उपकरणें के माध्यम से वनाग्नि को रोकने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान पुलिस ग्राउंड पर आग लगने की घटना पर अग्निशमन दल की ओर से कूलिंग मैथड से आग बुझाने और घायल व्यक्ति को सीपीआर देने का डेमो भी दिया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने कहा कि हमारी आजीविका वनों के साथ-साथ पर्यटन पर निर्भर करती है। यहां की नैसर्गिक सौन्दर्य ही पर्यटकों का यहां आने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश वनाग्नि की घटनाएं मानव जनित ही होती हैं। जितनी ज्यादा वनाग्नि की घटनाएं होती है उतना अधिक भूस्खलन होता है। वनाग्नि को रोकने में मातृ शक्ति की बड़ी भूमिका होती है आप से अनुरोध है कि आप वन विभाग का राजस्व विभाग और अग्निशमन विभाग का सहयोग करें। उन्हांने कहा कि आप ट्रेनिंग को गंभीरता से लें। आपको अपने बचाव के साथ-साथ अपने पास क्या क्या आवश्यक चीजें रखनी है ये सब बताया जाएगा।

डीएम ने कहा कि इस बार जो वनाग्नि का दोषी पाया जाएगा उस पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कडी से कडी धाराएं लगायी जाएंगी। यदि आप के संज्ञान में कोई इस तरह वनाग्नि को बढ़ावा देने वाला या आग लगाने वाला दिखाई देता है तो आप उसकी फोटो या वीडियों बनाकर वन विभाग को सूचना दें। इस बार डीएफओ बदरीनाथ ने अपनी कंटीजेंसी फंड से सूचना देने वाले को 10 हजार का इनाम रखा है।

इस दौरान वन और पर्यावरण की सुरक्षा में अपना उत्कृष्ट योगदान देने वाले कमेड़ा के सरपंच प्रेम पाल बिष्ट को बीना देवी मेमोरियल अवार्ड, महिला मंगल अध्यक्ष अवार्ड पिलंग सुनीता देवी, वन पंचायत सरपंच ग्राम सोरियाना वीरेंद्र सिंह नेगी और वन पंचायत संरपच सरणा मातवर सिंह रावत को शॉल, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न भेंट किया गया, वहीं फायर वॉचर, महिला मंगल दलों को ट्रैक शूट और वॉटर बोतल भी दी गयी। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, सीडीओ नन्दन कुमार, डीएफओ सर्वेश दुबे, डीएफओ तरुण सिंह, आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्द किशोर जोशी, पीडी आनन्द सिंह आदि मौजूद थे।