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गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दिया दोषी करार, गैंगस्टर केस में 10 साल की सजा व 05 लाख जुर्माना लगाया

by anumannews

 

लखनऊ : मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई और 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी पर अभी कोर्ट का फैसला नहीं आया है। उम्मीद है कि कोर्ट उनके खिलाफ भी आज किसी भी समय फैसला सुना देगा। गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मोहम्दाबाद थानों से बनाए गए आपराधिक मुकदमों से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित है।

यूपी के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण के बाद मुख्तार और अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था। इस मामले में 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी, उनके भाई माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल हक पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। एजाजुल हक का इंतकाल हो चुका है। इस मामले में 1 अप्रैल को सुनवाई पूरी हो गई थी। पहले 15 अप्रैल को फैसला आना था, लेकिन बाद में 29 अप्रैल कर दिया गया था। इस मामले में वर्ष 2012 में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था।

गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। चुनावी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया था। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल को आरोपी बनाया गया था। दरअसल अंसरी ब्रदर्स के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी।

राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड फायर

कृष्णानंद राय की हत्या उस समय की गई, जब वह भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में एक स्थानीय क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए थे। जब वह मैच का उद्घाटन करके वापस आ रहे थे, तभी बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने कृष्णानंद राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड फायर झोंक दिए थे।

रूंगटा को अगवा कर मांगी गई थी 5 करोड़ की फिरौती

जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी और विहिप कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा का उसके घर से अपहरण कर फिर हत्या की गई थी। जानकारी के मुताबिक रूंगटा के परिवार से 5 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी। परिवार ने 1.5 करोड़ भी दे दिए थे, लेकिन बाद में रूंगटा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भी मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर के तहत केस दर्ज किया गया था।